हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की कमान जल्द ही नए हाथों में सौंपी जा सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है, जिसके तहत छह प्रमुख कांग्रेस नेताओं को आज दिल्ली तलब किया गया है। ये नेता पार्टी हाईकमान से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को पुष्टि की कि अगले 10 दिनों के भीतर राज्य कांग्रेस के नए प्रमुख की नियुक्ति कर दी जाएगी।
संगठन का विस्तार भी 10 दिनों में पूरा होगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने शिमला में पत्रकारों से कहा, ‘पार्टी संगठन का विस्तार पांच से 10 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। नए राज्य पार्टी अध्यक्ष की घोषणा भी दस दिनों के भीतर की जाएगी।’
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (HPCC) 6 नवंबर 2024 से ही काफी हद तक निष्क्रिय पड़ी हुई है, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांगठनिक पुनर्गठन के तहत राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयों को भंग कर दिया था। प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने राज्य इकाइयों के पुनर्गठन में हो रही देरी पर चिंता जताई है, खासकर तब जब मानसून आपदा के बाद सड़क संपर्क बहाल होने पर पंचायत चुनाव नजदीक हो सकते हैं।
प्रतभा सिंह का कार्यकाल अप्रैल 2025 में समाप्त हो गया था, लेकिन उन्हें राज्य अध्यक्ष के रूप में बरकरार रखा गया था। हालांकि, अब उनके औपचारिक कार्यकाल का अंत अप्रैल में हो गया है, जिससे राज्य इकाई महीनों से अधर में लटकी हुई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली बुलाए गए छह नेताओं में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, उप-अध्यक्ष विनय कुमार, ठियोग से विधायक कुलदीप राठौर, पालमपुर से विधायक आशीष बुटेल, कसौली से विधायक विनोद सुल्तानपुरी और भोरंज से विधायक सुरेश कुमार शामिल हैं। खड़गे द्वारा बुलाई गई यह बैठक राहुल गांधी के निर्देश पर हो रही है। इसमें पहले संयुक्त चर्चा होगी, जिसके बाद अंतिम निर्णय लेने से पहले व्यक्तिगत बातचीत की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने पार्टी नेतृत्व को सूचित किया है कि यदि किसी अनुसूचित जाति (SC) के नेता पर विचार किया जाता है, तो उनके चयन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी कैबिनेट मंत्री को चुना जाता है, तो राज्य मंत्रिमंडल के विचारों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। सुक्खू ने अपनी पसंद के बारे में पूछे जाने पर स्पष्ट किया, ‘मेरी ओर से कोई नाम प्रस्तावित नहीं किया गया है।’ पार्टी ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की नीति पर जोर दे रही है, लेकिन नेतृत्व को यह महत्वपूर्ण निर्णय लेना है कि क्या कोई मौजूदा मंत्री भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) प्रमुख का पद संभाल सकता है। संगठन में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन सुनिश्चित करने के लिए नए प्रमुख के साथ तीन कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति पर भी विचार किया जा रहा है।






