भारत ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर भारतीय वायु सेना (IAF) के युद्धाभ्यास की घोषणा की है। इस संबंध में नवंबर से जनवरी तक के लिए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी किए गए हैं। यह युद्धाभ्यास चीन, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश के साथ लगती सीमाओं पर केंद्रित होगा, जो इस रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र में भारत की बढ़ी हुई परिचालन तत्परता को दर्शाता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ महीनों के लिए विभिन्न तिथियों पर NOTAMs सक्रिय रहेंगे। पहली अवधि 6 नवंबर और 20 नवंबर को निर्धारित है, इसके बाद 4 दिसंबर और 18 दिसंबर को एक और दौर चलेगा। वायु सेना ने पूर्वोत्तर में अपने बड़े पैमाने पर अभियानों और अभ्यासों को जारी रखने के लिए 1 जनवरी और 15 जनवरी को अतिरिक्त NOTAMs भी निर्धारित किए हैं।
इन अवधियों के दौरान, भारतीय वायु सेना क्षेत्र के विभिन्न अग्रिम ठिकानों और एयर स्टेशनों पर व्यापक लड़ाकू प्रशिक्षण, समन्वित उड़ानें और लॉजिस्टिक्स अभ्यास आयोजित करेगी। यह ध्यान देने योग्य है कि पूर्वोत्तर भारत के सबसे संवेदनशील इलाकों में से एक है, जो चार देशों, जिनमें चीन भी शामिल है, के साथ सीमाएँ साझा करता है। आगामी IAF अभ्यासों की श्रृंखला से क्षेत्र में भारत की हवाई प्रभुत्व और परिचालन तालमेल को मजबूत करने की उम्मीद है।
**NOTAM क्या है?**
A NOTAM एक महत्वपूर्ण सूचना है जो तब जारी की जाती है जब किसी विशेष हवाई क्षेत्र को नागरिक हवाई यातायात से मुक्त रखने की आवश्यकता होती है। इसी तरह की सूचनाएं पाकिस्तान के साथ पिछले तनावों के दौरान भी जारी की गई थीं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी यात्री विमान संभावित हवाई अभियानों के बीच न फंसे। यह सैन्य गतिविधियों वाले क्षेत्रों से वाणिज्यिक विमानों को दूर रखकर नागरिक हताहतों को रोकने में मदद करता है।
**NOTAM क्यों जारी किया जाता है?**
NOTAM जारी होने के बाद, किसी भी नागरिक विमान को निर्दिष्ट हवाई क्षेत्र के भीतर उड़ान भरने की अनुमति नहीं होती है। यह वायु सेना के जेट, मिसाइलों और ड्रोनों को हवा में टक्कर के जोखिम के बिना स्वतंत्र रूप से संचालित करने की सुविधा प्रदान करता है। नागरिक उड़ानों की अनुपस्थिति गैर-लड़ाकू कर्मियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करती है।



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