भारतीय वायु सेना (IAF) 13 नवंबर से 20 नवंबर तक पूर्वोत्तर भारत में एक बड़े पैमाने पर सैन्य युद्धाभ्यास का आयोजन करने जा रही है। इस अभ्यास में वायु सेना के सभी प्रमुख लड़ाकू विमान, वायु रक्षा इकाइयां और एकीकृत रक्षा प्रणालियां शामिल होंगी।
अभ्यास के दौरान नागरिक हवाई यातायात की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, वायु सेना ने पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को कवर करते हुए एक ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी किया है।
इस युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारत की चीन, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश के साथ लगी सीमाओं पर वायु सेना की तैनाती की तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना है। सुखोई-30 एमकेआई, राफेल, मिराज-2000, तेजस और जगुआर जैसे उन्नत लड़ाकू विमान इस अभ्यास में हिस्सा लेंगे।
यह सैन्य अभ्यास बांग्लादेश के भारत विरोधी रुख के मद्देनजर महत्वपूर्ण हो गया है। हाल ही में, बांग्लादेश के एक नेता ने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का एक विकृत नक्शा साझा किया था, जिससे नई दिल्ली की सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं, विशेष रूप से सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर को लेकर।
यह युद्धाभ्यास इस क्षेत्र में भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने और किसी भी संभावित खतरे का सामना करने की क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण है।





