पाकिस्तान के लिए एक बुरी खबर है। भारत ने अपनी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता को बढ़ाते हुए इसे 800 किलोमीटर तक प्रभावी बना दिया है। यह मिसाइल इतनी तेज है कि दुश्मन को प्रतिक्रिया देने का मौका ही नहीं मिलेगा। इस क्षमता वृद्धि से भारतीय सेना दुश्मन के ठिकानों को कहीं भी, कभी भी निशाना बना सकती है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) वर्तमान में इस मिसाइल के परीक्षणों को अंतिम रूप दे रहा है। उम्मीद है कि 2027 तक यह पूरी तरह से परिचालन के लिए तैयार हो जाएगी। यह मिसाइल पारंपरिक (गैर-परमाणु) हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी बढ़ी हुई रेंज पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
290 किमी से 800 किमी तक का सफर
पहले जहां ब्रह्मोस की मारक क्षमता 290 किलोमीटर थी, वहीं अब यह 800 किलोमीटर तक वार कर सकती है। इसका मतलब है कि भारतीय सेना अब पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों में मौजूद सैन्य अड्डों, आतंकी शिविरों और नौसैनिक बेस को आसानी से निशाना बना सकेगी। भारतीय सेना इसे जमीन से जमीन, हवा से जमीन और नौसेना से भी लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जिससे इसकी बहुमुखी प्रतिभा और बढ़ जाएगी।
ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस का जलवा
पाकिस्तान पहले ही ब्रह्मोस की मारक क्षमता का अनुभव कर चुका है। मई 2025 में, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, भारतीय वायु सेना ने सुखोई-30MKI लड़ाकू विमानों से ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग करके पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया था। इस कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैबा जैसे आतंकी संगठनों के ढांचे नष्ट हो गए थे और सैकड़ों आतंकवादी मारे गए थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ब्रह्मोस की “अचूक सटीकता” की प्रशंसा की थी। यह मिसाइल दुश्मन को जवाबी कार्रवाई करने का शून्य समय देती है, जिससे यह अत्यंत प्रभावी हो जाती है। इसकी गति ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना (Mach 2.8 से 3.0) है, इसलिए दुश्मन के रडार को इसे ट्रैक करने और प्रतिक्रिया देने का अवसर नहीं मिल पाता।