भारत के सबसे बड़े सैन्य अभ्यासों में से एक, ‘त्रिशूल’ के शुरू होने से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। इस त्रि-सेवा युद्धाभ्यास ने पड़ोसी देश को इतना भयभीत कर दिया है कि इस्लामाबाद ने अपने मध्य और दक्षिणी हवाई क्षेत्र के कई हिस्सों को आम जनता के लिए बंद कर दिया है। यह कवायद ऐसे समय में हो रही है जब कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी थी कि अगर उसने सिर क्रीक क्षेत्र में कोई भी गलत कदम उठाने की कोशिश की, तो भारत का जवाब इतना विनाशकारी होगा कि ‘इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे’।
**घबराहट में पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद**
पाकिस्तान ने 28-29 अक्टूबर के लिए एक ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी किया है, जिसमें बिना कोई आधिकारिक कारण बताए कई हवाई मार्गों को ब्लॉक कर दिया गया है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान, भारत के ‘त्रिशूल’ अभ्यास से घबराया हुआ है और तेजी से अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। प्रतिबंधित हवाई क्षेत्र का दायरा उन इलाकों से मेल खाता है, जहाँ भारतीय थल सेना, नौसेना और वायु सेना मिलकर जमीन, समुद्र और हवा में अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करने वाली हैं।
**सैन्य अभ्यास का अभूतपूर्व पैमाना**
रक्षा विश्लेषक डेमियन साइमन द्वारा साझा की गई सैटेलाइट इमेजरी इस अभ्यास के विशाल पैमाने को दर्शाती है। यह अभ्यास 28,000 फीट तक की ऊंचाई वाले क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है और इसका क्षेत्रफल इतना बड़ा है कि विशेषज्ञ इसे भारत द्वारा हाल के वर्षों में किए गए सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यासों में से एक मान रहे हैं। अभ्यास क्षेत्र का यह विशाल आकार और रणनीतिक स्थान यह स्पष्ट संकेत देता है कि भारत केवल अपनी क्षमताओं का परीक्षण ही नहीं कर रहा, बल्कि पाकिस्तान को यह कड़ा संदेश भी दे रहा है कि नई दिल्ली की सैन्य मशीन कहीं भी, कभी भी हमला करने के लिए तैयार, इच्छुक और अत्यंत सक्षम है।
**’त्रिशूल’ अभ्यास में क्या होगा प्रदर्शित**
रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ‘त्रिशूल’ अभ्यास भारतीय सशस्त्र बलों के त्रि-सेवा एकीकरण, परिचालन तालमेल और आत्मनिर्भरता को जटिल युद्धाभ्यासों के माध्यम से प्रदर्शित करेगा। दक्षिणी कमान की सेनाएं इस अभ्यास का नेतृत्व करेंगी, जिसमें सौराष्ट्र तट के पास उभयचर हमले, कच्छ की खाड़ी और रेगिस्तानी इलाकों में आक्रामक अभियान, और तीनों सेवाओं के बीच निर्बाध समन्वय का प्रदर्शन करते हुए संयुक्त अभियान शामिल होंगे, जो वास्तविक युद्ध की स्थितियों को दर्शाएंगे।
**सिर क्रीक: रणनीतिक टकराव का बिंदु**
इस अभ्यास को पाकिस्तान के लिए विशेष रूप से चिंताजनक बनाने वाली बात सिर क्रीक, सिंध और कराची के साथ इसकी निकटता है। ये सभी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जहाँ भारत द्वारा की गई कोई भी सैन्य कार्रवाई पाकिस्तानी रक्षा के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है। सिर क्रीक, गुजरात और सिंध के बीच 96 किलोमीटर लंबा दलदली क्षेत्र है, जिस पर नियंत्रण रखना बेहद मुश्किल है। हालांकि, जो भी इस खतरनाक इलाके पर हावी होता है, वह महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर नियंत्रण हासिल कर लेता है और भारी रणनीतिक लाभ प्राप्त करता है। खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि पाकिस्तान सिर क्रीक क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति तेजी से बढ़ा रहा है, जिसके कारण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज वायु सेना बेस पर दशहरा समारोह के दौरान यह विस्फोटक चेतावनी दी थी।







