
इंडिगो एयरलाइन में इन दिनों भारी अव्यवस्था का माहौल है। पिछले तीन दिनों में 1000 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जिससे हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं। क्रू की कमी और तकनीकी समस्याओं के चलते यह संकट गहराता जा रहा है। केरल के तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ही शुक्रवार को चार उड़ानें (दो आगमन और दो प्रस्थान) रद्द कर दी गईं, जबकि तीन अन्य उड़ानों में देरी हुई। इस अव्यवस्था का असर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी देखा गया, जहां यात्रियों को तत्काल टिकट बुक कराने के लिए 20,000 से 30,000 रुपये तक का भुगतान करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र के पुणे और मुंबई हवाई अड्डों पर भी इसी तरह की समस्याएँ सामने आईं, जहां शुक्रवार तड़के 16 आगमन और 16 प्रस्थान उड़ानें रद्द हुईं। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी इंडिगो के संचालन प्रभावित हुए हैं। यात्रियों में घोर निराशा है और वे जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं। एक यात्री ने बताया कि अहमदाबाद से वाराणसी की उड़ान रद्द होने के बाद उन्हें 10-12 घंटे तक इंतजार करना पड़ा, न तो पानी मिला और न ही खाना। दूसरे विमान का किराया दोगुना हो गया है, जिससे यात्रा संभव नहीं हो पा रही है। गुरुवार को ही इंडिगो ने 550 से अधिक घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें रद्द कीं, जो पिछले 20 वर्षों में एक दिन में सबसे अधिक रद्द उड़ानों का रिकॉर्ड है। यात्रियों की परेशानी को देखते हुए, इंडिगो ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से 10 फरवरी 2026 तक FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमों से कुछ छूट मांगी है। एयरलाइन ने DGCA को आश्वासन दिया है कि समस्या के समाधान के लिए सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं और फरवरी 2026 तक सामान्य संचालन बहाल कर दिया जाएगा। इंडिगो ने DGCA को सूचित किया है कि अगले 2-3 दिनों में और भी उड़ानें रद्द हो सकती हैं, ताकि संचालन को स्थिर किया जा सके। इस खुलासे के बाद DGCA ने एयरलाइन के प्रति अपना रुख और सख्त कर लिया है। नागर विमानन मंत्री ने स्थिति की समीक्षा की है और हवाई अड्डों को फंसे यात्रियों की हर संभव मदद करने का निर्देश दिया है। DGCA ने एयरलाइन को मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर टिकटों की कीमतें बढ़ाने के खिलाफ भी चेतावनी दी है।





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