भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर 10 पूरी तरह से महिला बॉर्डर चौकियां (BOPs) स्थापित करने की प्रक्रिया में है। यह कदम महिलाओं की भूमिका को बढ़ावा देने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। हाल ही में, ITBP ने लद्दाख के लुंगुंग और हिमाचल प्रदेश के थांगी में दो ऐसी चौकियां स्थापित की हैं, और आगामी समय में आठ और महिला चौकियों को सीमा पर तैनात किया जाएगा।

ITBP के महानिदेशक प्रवीण कुमार ने जम्मू में आयोजित बल के 64वें स्थापना दिवस परेड के दौरान इस योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद से बल ‘फॉरवर्डाइजेशन’ योजना पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसके तहत, ITBP ने अपनी 180 सीमा चौकियों को बढ़ाकर अब 215 कर दिया है, जिससे अग्रिम क्षेत्रों में हमारी पहुंच और निगरानी बढ़ी है।
यह फॉरवर्डाइजेशन योजना बल के सामरिक विस्तार का हिस्सा है। 2023 में, केंद्र सरकार ने ITBP के लिए सात नई बटालियन और एक सेक्टर मुख्यालय को मंजूरी दी थी, जिससे बल की क्षमता में लगभग 9,400 अतिरिक्त जवान शामिल हुए हैं। महानिदेशक ने यह भी बताया कि ITBP, भारत-चीन LAC के साथ 41 और अग्रिम बेस स्थापित करने की योजना बना रहा है, ताकि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो सके।
ITBP प्रशिक्षण संस्थानों में भी सुधार किया गया है। कर्मियों के लिए पर्वतीय युद्ध और सामरिक उत्तरजीविता जैसे पांच नए कौशल मॉड्यूल शुरू किए गए हैं। 1 लाख से अधिक जवानों की क्षमता वाला यह बल 9,000 से 14,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सीमा चौकियों का संचालन करता है, जहां जवान कठोर मौसम और कम ऑक्सीजन जैसी चुनौतियों का सामना करते हैं। 1962 में स्थापित ITBP, केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन LAC की रक्षा के लिए जिम्मेदार है।






