
बिहार में मतदाता सूची से 12 लाख से अधिक नामों का हटना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। इस मुद्दे पर भाजपा नेता विजय नायक ने कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे एक बड़ा सवाल बताया है। उन्होंने कहा कि यह लाखों मतदाताओं के मताधिकार पर कुठाराघात है और सरकार को इस पर तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए।
नायक ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर नामों का हटाया जाना सामान्य प्रक्रिया नहीं हो सकती। यह एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा लग रहा है, जिसका उद्देश्य चुनाव परिणामों को प्रभावित करना हो सकता है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
भाजपा नेता ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण आधार हैं और मतदाताओं की सूची को पारदर्शी और त्रुटिहीन रखना सरकार की जिम्मेदारी है। जब इतने सारे नाम बेवजह हटा दिए जाएंगे, तो यह आम आदमी के विश्वास को कमजोर करेगा। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या इन नामों को हटाने से पहले कोई उचित प्रक्रिया अपनाई गई थी या यह मनमाने ढंग से किया गया है।
विजय नायक ने कहा कि आगामी चुनावों को देखते हुए यह मामला और भी संवेदनशील हो जाता है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठाने की अपील की है ताकि मतदाताओं के हकों की रक्षा की जा सके। सरकार को तुरंत जवाब देना होगा कि आखिर किन कारणों से इतने सारे वोटरों के नाम सूची से गायब हुए हैं।






