पूर्वी सिंहभूम जिले में आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या से आम जनता त्रस्त है। सड़कों, चौराहों और कॉलोनियों में घूमते बेसहारा पशुओं, खासकर आवारा कुत्तों और जंगली सांडों के कारण असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ़ वर्ल्ड के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी से मुलाकात कर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है।

झारखंड प्रदेश महासचिव शशि आचार्य के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधियों ने बताया कि आवारा सांडों के हमलों में हाल के दिनों में कई महिलाएं घायल हुई हैं। वहीं, आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं में वृद्धि ने लोगों के मन में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। सड़कों पर बेतरतीब ढंग से घूमते ये पशु न केवल राहगीरों के लिए खतरा बन रहे हैं, बल्कि यातायात व्यवस्था को भी बाधित कर रहे हैं।
संगठन ने उपायुक्त से मांग की है कि सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को तत्काल पकड़कर सुरक्षित आश्रय स्थलों पर ले जाया जाए। उन्होंने स्थायी पशु आश्रय गृहों के निर्माण में तेजी लाने, आवारा कुत्तों की नसबंदी के कार्यक्रम को फिर से सक्रिय और प्रभावी बनाने, तथा भीड़भाड़ वाले इलाकों से इन पशुओं को हटाकर नियंत्रित क्षेत्रों में भेजने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है। सार्वजनिक सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए, प्रतिनिधिमंडल ने प्रशासन से इन घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल और कठोर कदम उठाने का आह्वान किया है।
प्रदेश महासचिव शशि आचार्य और पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यदि जनहित से जुड़ी इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं होती है, तो संगठन सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता और इस मामले में किसी भी देरी की सीधी जिम्मेदारी संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों की होगी।






