आगामी “आदिवासी महोत्सव 2025” की तैयारी जोरों पर है, जो विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर 9, 10 और 11 अगस्त 2025 को आयोजित होने वाला है। इस महोत्सव को बढ़ावा देने के लिए, एक जागरूकता रथ शुरू किया गया है। यह रथ जनता तक जानकारी, संदेश और महोत्सव के महत्व को पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक राजीव लोचन बक्शी ने मंगलवार को रथ का उद्घाटन किया, और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह रथ महोत्सव के महत्व को जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मार्गदर्शन में, आदिवासी महोत्सव 2025 को एक व्यापक और उत्सवपूर्ण कार्यक्रम के रूप में देखा जा रहा है। यह सिर्फ एक सांस्कृतिक प्रदर्शन नहीं है; यह पहचान, लचीलापन और गर्व का उत्सव है, जो पारंपरिक आदिवासी संस्कृति को समकालीन तत्वों के साथ मिलाता है। महोत्सव का उद्देश्य लोगों को आदिवासी संस्कृति, पहचान, अधिकारों और योगदान से जोड़ना है। यह राज्य, देश और दुनिया भर की आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करेगा, जिसमें उनकी परंपराएं, कला रूप, भाषाएं, वेशभूषा और व्यंजन शामिल हैं, जिससे एक जीवंत सांस्कृतिक आदान-प्रदान होगा।
जागरूकता रथ की मुख्य विशेषताएं:
यह रथ रांची के प्रमुख स्थानों, जिनमें प्रमुख चौराहे, बाजार, स्कूल और कॉलेज शामिल हैं, का दौरा करेगा। इसमें आदिवासी कला और सांस्कृतिक संदेशों को पोस्टर और फ्लेक्स बैनरों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा, जो जनता को आदिवासी समुदाय के ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। रथ महोत्सव की तारीखों, स्थल, आकर्षण, आमंत्रित कलाकारों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के बारे में जानकारी भी देगा। यह पहल रांची से आगे बढ़कर राज्य के अन्य जिलों तक जाएगी ताकि अधिकतम भागीदारी हो सके और कार्यक्रम का कद बढ़ सके। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों, जिनमें उप निदेशक आनंद भी शामिल थे, ने इस उद्घाटन में भाग लिया।