राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक श्री दत्तात्रेय होसबाले ने भगवान बिरसा मुंडा को एक महान समाज सुधारक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अपने क्रांतिकारी विचारों और जन आंदोलनों के माध्यम से उस समय के समाज में एक नई चेतना का संचार किया।
भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 19वीं सदी के उत्तरार्ध में हुआ था और उन्होंने अपने अल्प जीवनकाल में ही आदिवासी समाज की दिशा बदल दी। उन्होंने न केवल सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि ब्रिटिश शासन के जुल्मों का भी डटकर सामना किया। उनकी लड़ी गई लड़ाई ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और समाज में आत्म-सम्मान व सांस्कृतिक पहचान को पुनः स्थापित करने का कार्य किया।
श्री होसबाले ने इस बात पर जोर दिया कि भगवान बिरसा मुंडा का जीवन हमें सिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और समाज के प्रति समर्पण से बड़े बदलाव ला सकता है। उन्होंने आदिवासी समाज की जड़ों से जुड़कर, उनकी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करते हुए उन्हें आधुनिकता की ओर अग्रसर किया। यह सांस्कृतिक नवजागरण आज भी प्रेरणा का स्रोत है।


.jpeg)




