झारखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश अब लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। गुमला जिले में इसका सबसे बुरा असर देखने को मिला, जहां कंस नदी पर बना पुल भारी बारिश के कारण टूट गया। पुल का एक हिस्सा नदी में गिरने से लगभग एक दर्जन गांवों का संपर्क टूट गया है।
प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुल के दोनों ओर बैरिकेडिंग कर दी है ताकि किसी भी दुर्घटना को रोका जा सके। अब, डड़हा, छारदा, जोरार, लूरगुम और आसपास के गांवों के लोगों को सिसई प्रखंड तक पहुंचने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है। 2010 में लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से बना यह पुल 200 फीट लंबा था। पुल का एक पिलर 22 और 23 अगस्त की रात को धंस गया, जिससे पुल का बड़ा हिस्सा नदी में समा गया।
ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल उनके लिए बेहद जरूरी था क्योंकि वे इसके जरिए सिसई प्रखंड से जुड़े थे। पुल के टूटने से उन्हें अब अधिक दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे समय और मेहनत दोनों का नुकसान होगा। इससे पहले, जून में खूंटी जिले में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जहां एक पुल बारिश के कारण टूट गया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि झारखंड में कई पुल और सड़कें बारिश का दबाव झेलने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए निर्माण की गुणवत्ता और रखरखाव पर ध्यान देना आवश्यक है।