पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में पुलिस ने पुलिया को आईईडी (IED) लगाकर उड़ाने की घटना में दो नक्सलियों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। यह गिरफ्तारी छोटानागना थाना क्षेत्र के रातामाटी गांव से हुई है। गिरफ्तार नक्सलियों की पहचान अलब्रेट लोगगा उर्फ रेंगी लोमगा और विकास लोमगा उर्फ रापा लॉमगा उर्फ गवरी लोमगा उर्फ बालका लोमगा के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से 9 वोल्ट की 22 बैटरियां और लगभग 200 मीटर बिजली का तार भी बरामद किया है, जो उनकी संदिग्ध गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं।
पुलिस अधीक्षक अमित रेनू ने इस मामले पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) नक्सली संगठन के प्रमुख नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महत्तो, सागेन अंगरिया और अश्विन अपने साथियों के साथ कोल्हान-सारंडा क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन नक्सलियों का मकसद सुरक्षा बलों को निशाना बनाना और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देना है। इन खतरनाक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए झारखण्ड पुलिस, कोबरा, सीआरपीएफ और झारखण्ड जगुआर द्वारा निरंतर संयुक्त अभियान चलाए जा रहे हैं।
इसी क्रम में, 9 और 10 अक्टूबर की रात को छोटानागना थाना क्षेत्र के रातामाटी में नक्सलियों ने एक पुलिया को आईईडी से विस्फोट कर उड़ा दिया था। इस घटना के संबंध में छोटानागना थाने में कांड संख्या 21/2025 दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। पुलिस ने मानवीय और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इस घटना में शामिल दो संदिग्ध नक्सलियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अधीक्षक ने नक्सली गतिविधियों में लिप्त अन्य व्यक्तियों से भी अपील की है कि वे झारखण्ड सरकार की पुनर्वास और समर्पण नीति का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में लौट आएं। इस अभियान में चाईबासा पुलिस और 2-सीआरपीएफ की 26वीं बटालियन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नक्सल विरोधी अभियान जारी है और पुलिस भविष्य में भी ऐसी कार्रवाईयों के लिए प्रतिबद्ध है। यह गिरफ्तारी जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जहाँ सुरक्षा बल लगातार नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।