शारदीय नवरात्रि के अवसर पर, पूरा देश भक्ति में डूबा हुआ है, और माँ दुर्गा के आगमन की प्रतीक्षा कर रहा है। झारखंड की राजधानी रांची में एक से बढ़कर एक अनोखे थीम पर आधारित दुर्गा पूजा पंडाल बनाए जा रहे हैं। रांची में होने वाले भव्य दुर्गा पूजा आयोजनों की देशभर में एक अलग पहचान है। रांची के बकरी बाजार में भारतीय युवक संघ द्वारा दुनिया के सबसे बड़े मंदिर, कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर माँ दुर्गा का भव्य पूजा पंडाल बनाया गया है।
रांची में विभिन्न स्थानों पर भव्य पूजा पंडाल बनाए गए हैं। हरमू स्थित पंच मंदिर दुर्गा पूजा समिति ने वृंदावन के प्रेम मंदिर का प्रारूप बनाया है। दूसरी ओर, रांची के रातू रोड पर स्थित पूजा समिति ने इटली के रोम में वेटिकन सिटी के चर्च के प्रारूप पर दुर्गा पूजा पंडाल बनाया है, जो उद्घाटन से पहले ही विवादों में आ गया।
यह विवाद राजधानी रांची में इटली के रोम में वेटिकन सिटी में स्थित चर्च की तर्ज पर बनाए गए दुर्गा पूजा पंडाल के कारण हुआ। विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया पर इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने पंडाल के अंदर और बाहर की वीडियो साझा करते हुए लिखा कि कैसे हिंदुओं की आस्था, विश्वास और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि JMM नेता विक्की यादव के नेतृत्व में दुर्गा पूजा पंडाल धर्मांतरण का अड्डा बन गया है, जहाँ मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए पूरा वेटिकन सिटी, रोम ही बसा दिया गया है।
पंडाल के अंदर और बाहरी ढांचे को वेटिकन सिटी के चर्च के समान बनाया गया है, जिसमें कैथोलिक धर्मगुरुओं की तस्वीरें भी लगाई गई हैं। बाहरी हिस्से में ईसाई प्रतीकों के साथ कुछ लोगों को दर्शाया गया है, जिसके कारण यह पूजा पंडाल विवादों में आ गया। इस पर आपत्ति जताते हुए, VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया पर चर्च की तरह बनाए गए दुर्गा पूजा पंडाल की वीडियो साझा की।
यह पंडाल लगभग 70 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है। विवाद के बाद, आरआर दुर्गा पूजा समिति ने उन चीजों को हटा दिया है जिन पर हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई थी, ताकि दुर्गा पूजा के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस न पहुंचे।