भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा बनाई गई सामग्री के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय राजनीतिक अभियानों के दौरान गलत सूचना और दुष्प्रचार को फैलने से रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। आयोग ने विशेष रूप से डीपफेक वीडियो और ऑडियो क्लिप के इस्तेमाल पर चिंता जताई है, जो मतदाताओं को गुमराह कर सकते हैं।
नई गाइडलाइंस के अनुसार, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को अब किसी भी ऐसी AI-जनित सामग्री का उपयोग करने से पहले चुनाव आयोग को सूचित करना होगा जो किसी उम्मीदवार या राजनीतिक दल की प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकती है। इसमें AI का उपयोग करके बनाए गए विज्ञापन, भाषण, या अन्य प्रचार सामग्री शामिल है। आयोग का यह कदम आगामी चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम पहल है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई भी उम्मीदवार या राजनीतिक दल इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें प्रचार पर प्रतिबंध या अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल हो सकती है। AI तकनीक के तेजी से विकास के साथ, इसके दुरुपयोग की आशंकाएं भी बढ़ गई हैं, और चुनाव आयोग का यह कदम इस चुनौती से निपटने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह सुनिश्चित करेगा कि चुनावी प्रक्रिया विश्वसनीय बनी रहे।




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