कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने राज्य सरकार पर उनकी हत्या कराने की साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। त्रिपाठी ने कहा कि सरकार उनकी आवाज़ को दबाना चाहती है और इसी मंशा से उनकी सरकारी सुरक्षा हटा ली गई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में सुरक्षाकर्मियों से हुए एक विवाद के बाद से पुलिस सुरक्षा पूरी तरह से बंद कर दी गई है। अब उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनता के कंधों पर आ गई है। यह संभवतः पहली बार है जब किसी पूर्व मंत्री की सुरक्षा में एक भी पुलिसकर्मी तैनात नहीं है।
मंगलवार रात डाल्टनगंज में एक कार्यक्रम के दौरान, केएन त्रिपाठी से मुलाकात हुई। उनकी अगवानी में 3-4 निजी सुरक्षाकर्मी आधुनिक हथियारों के साथ तैनात थे। यह देखकर सबको आश्चर्य हुआ। जब सरकारी सुरक्षा की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया, तो त्रिपाठी ने कहा, “सरकार मेरी हत्या करवाना चाहती है। वे मेरी आवाज़ को खामोश करना चाहते हैं। कई पुलिस अधिकारी भी इस साजिश में शामिल हैं। प्रोटोकॉल के अनुसार, मेरी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का कर्तव्य है, लेकिन उन्होंने सुरक्षा हटा ली है।”
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में उन पर सुरक्षाकर्मियों से मारपीट का झूठा आरोप लगाया गया था। इस संबंध में उनके खिलाफ हरिजन एक्ट सहित कई मुकदमे भी दर्ज किए गए, जिसे वे एक बड़ी साजिश का हिस्सा बता रहे हैं।
निजी सुरक्षाकर्मियों के बारे में पूछे जाने पर, त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि ये कोई पेशेवर सुरक्षा गार्ड नहीं, बल्कि कांग्रेसी कार्यकर्ता हैं जो स्वेच्छा से उनकी रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “डाल्टनगंज की जनता ही मेरी रक्षक है। मैं किसी से डरता नहीं। मेरे कार्यकर्ता बिना किसी भुगतान के, स्वेच्छा से हथियारों के साथ मेरी सुरक्षा में लगे हैं।”
केएन त्रिपाठी ने ज़ोर देकर कहा कि उनकी आवाज़ दबने वाली नहीं है और वे गलत कामों के खिलाफ आवाज़ उठाते रहेंगे। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर उनकी सुरक्षा क्यों हटाई गई और उनके खिलाफ यह साजिश क्यों रची गई, जिसका जवाब उन्हें चाहिए।
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