रामगढ़ में, गांव के खुले आंगन और मिट्टी की खुशबू में रहते हुए भी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्राथमिकता जनता की सेवा है। इन दिनों अपने पैतृक गांव नेमरा में रहकर वे पुत्र धर्म और राज्य धर्म दोनों का पालन कर रहे हैं। एक ओर, वे अपने दिवंगत पिता, दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के श्राद्ध कर्मों का स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार निर्वहन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर, राज्य के विकास और प्रशासनिक कार्यों में पूरी तरह से सक्रिय हैं। गांव के साधारण वातावरण में रहते हुए, वे लगातार विभिन्न विभागों से प्राप्त फाइलों और प्रस्तावों पर निर्णय ले रहे हैं और अधिकारियों के साथ फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित किया है कि जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और योजनाओं को समयबद्ध तरीके से और गुणवत्तापूर्ण ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक, जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहें और उनके समाधान में पूरी तत्परता दिखाएं।