झारखंड के चर्चित शराब घोटाले में फंसे IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोर्ट से जमानत मिल गई है। इस मामले में राज्य सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ था। अधिवक्ता देवेश अजमानी ने बताया कि ACB द्वारा तय समय सीमा (90 दिन) के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं करने के कारण डिफॉल्ट बेल पिटीशन दाखिल की गई थी। अदालत ने जमानत पर रहते हुए चौबे को बिना अनुमति राज्य से बाहर जाने और मोबाइल नंबर बदलने पर रोक लगाई है। साथ ही, 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी लगाई गई है।
विनय कुमार चौबे को 20 मई को ACB ने पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 2022 में छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित नई शराब नीति लागू की गई थी, जिससे राजस्व बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन नुकसान हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर चार्जशीट दाखिल नहीं की, ताकि ईडी की जांच प्रभावित हो सके।