इप्सोवा में आयोजित दीवाली मेले का रंग बच्चों और कलाकारों के सिर चढ़कर बोला। इस बार के मेले में बच्चों ने जमकर“झूमे”और、“थिरके”, वहीं कलाकारों ने पारंपरिक लोकगीतों की धुन पर अपनी“कला”का“प्रदर्शन”किया। यह“दीवाली”उत्सव“इप्सोवा”वासियों के लिए“खुशियों”और“उल्लास”का“माहौल”लेकर आया।
मेले का मुख्य आकर्षण“बच्चों”के लिए“आयोजित”विभिन्न“प्रतियोगिताएं”और“खेल”थे।“छोटे-छोटे”बच्चे“रंग-बिरंगे”पोशाकों में“सजे”,“खुशी”से“झूम”रहे“थे”।“लोकगीत”संगीत की“मधुर”धुनें“वातावरण”में“गुंजायमान”हो“रही“थी”,“जिसने“पूरे“मेले“को“एक“पारंपरिक“और“उत्साहपूर्ण“रूप“दिया“था“।
कलाकारों ने“पारंपरिक“नृत्यों“और“गीतों“से“दर्शकों“का“मन“मोह“लिया“।“लोक“संस्कृति“की“जीवंत“प्रस्तुतियों“ने“सभी“को“मंत्रमुग्ध“कर“दिया“।“दीवाली“के“इस“विशेष“अवसर“पर“इप्सोवा“में“आयोजित“यह“मेला“स्थानीय“लोगों“के“लिए“एक“बड़ा“आयोजन“था“,“जहाँ“सभी“ने“एक“साथ“आकर“उत्सव“का“आनंद“लिया“।