बिहार में विधानसभा चुनावों के बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने झारखंड में पार्टी के नए कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा की। कई अटकलों को खारिज करते हुए, पार्टी ने राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू को झारखंड इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। हालांकि, इस नियुक्ति के पीछे बीजेपी की विशेष रणनीति मानी जा रही है। लेकिन इसके जरिए, कांग्रेस के मंत्री इरफान अंसारी ने राज्य के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सीपी सिंह को लेकर एक बड़ा राजनीतिक दांव चला। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पत्र लिखकर कहा, ‘जहां सम्मान नहीं, वहां क्यों रुकना?’
खास बात यह रही कि बीजेपी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समाज से आने वाले राज्यसभा सांसद आदित्य साहू को झारखंड में बीजेपी का नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। इस नियुक्ति को लेकर बीजेपी के अंदर कोई आंतरिक कलह खुलकर सामने नहीं आई, लेकिन कांग्रेस नेता और मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी ने इस नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए अप्रत्यक्ष रूप से सीपी सिंह को बीजेपी छोड़ने की सलाह दी।
अंसारी ने सीपी सिंह को लिखे पत्र में बीजेपी पर सवर्ण समाज को हाशिए पर रखने का आरोप लगाया। रांची से लगातार 7 बार बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए सीपी सिंह के प्रति अंसारी का प्रेम उमड़ पड़ा। अंसारी ने पत्र में लिखा, ‘मैं आपको कई सालों से जानता हूं। पार्टी कोई भी रही हो, मैंने हमेशा सच्चाई का साथ दिया है और आपने भी मुझे अपने बेटे जैसा स्नेह और मार्गदर्शन दिया। राजनीति के सफर में आपने मुझे न सिर्फ रास्ता दिखाया, बल्कि कई बार आईना भी दिखाया, जो एक सच्चे मार्गदर्शक की पहचान होती है। लेकिन आज जब मैं देखता हूं कि बीजेपी जैसे संगठन में भी आपको वह सम्मान नहीं मिल रहा, जिसके आप वास्तविक अधिकारी हैं तो दिल से दुख होता है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘क्या यह सिर्फ विचारधारा का मामला है? या फिर सवाल यह है कि कहीं सवर्ण जाति का होना ही आपके सम्मान में बाधा बन गया?’ अंसारी ने सीपी सिंह को अपने साथ आने का अप्रत्यक्ष रूप से ऑफर देते हुए कहा, ‘जहां सम्मान न मिले, वहां रुकने का क्या मतलब? आपका सम्मान मेरे लिए सर्वोपरि है।’