
गिरिडीह जिले के जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली एक बार फिर सामने आई है। एमबीबीएस चिकित्सकों की पहले से ही कमी झेल रहे इस अस्पताल में अब चिकित्सीय व्यवस्था केवल सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) के भरोसे चल रही है। ऐसे में, जब गुरुवार, 4 दिसंबर को अस्पताल में तीन में से दो लैब टेक्नीशियन ही उपस्थित पाए गए, तो एक लैब टेक्नीशियन, निशांत कुमार, की बिना सूचना के अनुपस्थिति ने व्यवस्था की पोल खोल दी।
सूत्रों के अनुसार, लैब टेक्नीशियन निशांत कुमार ने छुट्टी लेने से पहले अस्पताल प्रशासन को किसी भी प्रकार की सूचना नहीं दी थी। यह लापरवाही सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर तब जब झारखंड सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के बड़े-बड़े दावे कर रही है। जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बड़ी बिल्डिंग के बावजूद, यहां डॉक्टरों की कमी, दवाओं का अभाव और अब कर्मचारियों की मनमानी, सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत बयां कर रही है। मरीजों को इस अव्यवस्था का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जो कि चिंता का विषय है।





