Jharkhand में शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में हेमंत सोरेन सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के करीब 29,000 शिक्षकों को टैबलेट वितरित करने का फैसला लिया गया है।
इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षकों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
झारखंड सरकार ने यह कदम शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी सुधार लाने और डिजिटल साधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए उठाया है। शिक्षकों को टैबलेट दिए जाने से पाठ्यक्रम सामग्री, ई-लर्निंग टूल्स और अन्य शैक्षणिक संसाधनों तक उनकी पहुंच आसान होगी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अवसर पर कहा, “हमारा लक्ष्य झारखंड के शिक्षा तंत्र को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ना है। शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराकर हम न केवल उनकी दक्षता बढ़ाना चाहते हैं, बल्कि छात्रों को भी डिजिटल शिक्षा का लाभ देना चाहते हैं।”
इस योजना से न केवल शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी डिजिटल शिक्षा का प्रसार होगा। शिक्षक अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल सामग्री के जरिए बेहतर ढंग से पढ़ाई करवा सकेंगे।
शिक्षा विभाग की योजना
झारखंड शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को डिजिटल ट्रेनिंग देने का भी निर्णय लिया है। टैबलेट के साथ, शिक्षकों को ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करने, डिजिटल नोट्स तैयार करने और ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
छात्रों को भी होगा फायदा
इस योजना से झारखंड के लाखों छात्रों को भी लाभ मिलेगा। डिजिटल शिक्षा के जरिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण सामग्री और आधुनिक शिक्षा पद्धतियां उपलब्ध होंगी। इसके अलावा, यह कदम छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद को भी बेहतर बनाएगा।
शिक्षकों ने किया स्वागत
राज्य के शिक्षकों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि टैबलेट के माध्यम से पढ़ाई-लिखाई का तरीका अधिक प्रभावी और रोचक होगा। इससे छात्रों की पढ़ाई में रुचि भी बढ़ेगी
हेमंत सरकार का यह फैसला झारखंड के शिक्षा तंत्र में एक नई क्रांति ला सकता है। डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल से राज्य की शिक्षा व्यवस्था न केवल आधुनिक होगी, बल्कि शिक्षकों और छात्रों दोनों को इसके दूरगामी लाभ मिलेंगे।