
झारखंड के चुनावी परिदृश्य में एक बड़ी चिंता का विषय सामने आया है, जहां मतदाता सूची में करीब 12 लाख मतदाताओं के नाम संदिग्ध पाए गए हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, चुनाव आयोग ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। इन मतदाताओं की पहचान और उनकी स्थिति का पता लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
आयोग के सूत्रों के अनुसार, हाल ही में मतदाता सूची की समीक्षा के दौरान यह विसंगति पाई गई। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां एक ही पते पर बड़ी संख्या में मतदाताओं का पंजीकरण हुआ है, या ऐसे नाम पाए गए हैं जिनका कोई सत्यापन संभव नहीं हो पा रहा है। कुछ मामलों में, मतदाता मृत घोषित होने के बावजूद सूची में बने हुए हैं, जबकि अन्य ऐसे हैं जिनके स्थान का कोई पता नहीं है।
इस प्रकार की अनियमितताएं चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पवित्रता पर सवाल खड़े करती हैं। चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारियों और निर्वाचक निबंधन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस मामले की गहन जांच करें और अतिशीघ्र एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। संदिग्ध मतदाताओं के सत्यापन के लिए फील्ड वेरिफिकेशन का काम भी तेजी से किया जा रहा है।
अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी वैध मतदाता का नाम सूची से न हटे, वहीं अपात्र या फर्जी मतदाताओं को बाहर किया जाए। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया गया है, ताकि जनता का विश्वास बना रहे। इस जांच के नतीजे आने वाले चुनावों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।




