विदेशों में फंसे झारखंड के 48 प्रवासी श्रमिकों का वतन वापसी का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ। ये सभी श्रमिक रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहाँ से उन्हें झारखंड लाया जाएगा। वर्षों से परदेस में मेहनत कर रहे इन श्रमिकों के चेहरों पर अपने घर और परिवार से मिलने की खुशी साफ झलक रही थी।
जानकारी के अनुसार, ये सभी श्रमिक ओमान में विभिन्न परिस्थितियों के कारण फंसे हुए थे। लंबे समय से वे अपने वतन लौटने की गुहार लगा रहे थे। भारत सरकार और झारखंड सरकार के अथक प्रयासों से उनकी वापसी संभव हो पाई है। दिल्ली पहुँचने पर श्रमिकों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अधिकारियों ने बताया कि आगे की व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं और जल्द ही उन्हें उनके गृह जिलों में सुरक्षित पहुंचा दिया जाएगा।
ओमान में इन श्रमिकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, जिसमें वीजा संबंधी समस्याएं, काम की कमी और आर्थिक तंगी प्रमुख थी। ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने देश लौटने की उम्मीद बनाए रखी। उनकी सकुशल वापसी ने उनके परिवारों को भी बड़ी राहत दी है, जो महीनों से उनकी चिंता कर रहे थे। यह वापसी उन सभी प्रवासी भारतीयों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो विदेश में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
 


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