झारखंड के 48 प्रवासी श्रमिकों का उनके वतन वापस आने का इंतजार जल्द ही खत्म होगा। यह श्रमिक 4, 5, और 6 नवंबर को घर लौटेंगे। यह वापसी उन सभी लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगी जो लंबे समय से अपने परिवार से दूर थे।
इन श्रमिकों की वापसी की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि श्रमिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसमें यात्रा की व्यवस्था, स्वास्थ्य जांच और क्वारंटाइन जैसी सभी सुविधाएं शामिल हैं।
यह प्रवासी श्रमिक विभिन्न कारणों से दूसरे राज्यों में काम करने गए थे। कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के चलते उन्हें अपने घर लौटने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। उनकी वापसी की खबर उनके परिवारों के लिए भी अत्यंत खुशी का अवसर है।
प्रशासनिक स्तर पर भी इस वापसी को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। वापसी करने वाले सभी श्रमिकों की कोविड-19 जांच की जाएगी और सभी सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि वापसी के दौरान और बाद में किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा न रहे।
यह उन 48 श्रमिकों के लिए एक नए जीवन की शुरुआत होगी, जो कड़ी मेहनत के बाद अब अपने प्रियजनों के बीच लौट रहे हैं। उनकी वापसी झारखंड के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक और सामाजिक रूप से भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।




