रांची। झारखंड विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष के मामूली विरोध के बीच पांच विधेयक पारित किए गए। इन विधेयकों में झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2025 भी शामिल है, जिसके तहत अब राज्य के मुख्यमंत्री के पास विश्वविद्यालयों के कुलपति (वीसी), प्रो-वीसी, रजिस्ट्रार, परीक्षा नियंत्रक और वित्तीय सलाहकार जैसे पदों पर नियुक्ति का अधिकार होगा। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और गैर-शैक्षणिक पदों पर भर्ती और पदोन्नति का फैसला भी अब राज्य सरकार करेगी। सीनेट की अध्यक्षता प्रो-वीसी या उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री करेंगे। सीनेट की बैठक वर्ष में दो बार होगी।
अन्य पारित विधेयकों में झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक 2025 भी शामिल है, जो निजी शिक्षण संस्थानों में मनमानी फीस को रोकेगा। झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक 2025 कोचिंग संस्थानों की निगरानी के लिए राज्यस्तरीय प्राधिकरण का गठन करेगा। इसके अतिरिक्त, झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक पारित हुआ, जो उद्यमों को सरकार से मिलने वाली स्वीकृतियों और निरीक्षणों से छूट प्रदान करेगा।
विधानसभा में झारखंड प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक (निबंधन एवं कल्याण) विधेयक 2025 भी पारित किया गया, जो गिग श्रमिकों के लिए सभ्य कार्य स्थिति, न्यूनतम पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।