झारखंड जल्द ही लाह (Lac) उत्पादन के क्षेत्र में अपनी एक नई पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। राज्य के कृषि मंत्री ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि लाह की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। यह पहल न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगी, बल्कि राज्य के लिए एक नए उद्योग के द्वार भी खोलेगी।

लाह, एक प्राकृतिक रेज़िन है जिसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में होता है, जैसे कि वार्निश, सील करने वाली सामग्री, प्लास्टिक, सौंदर्य प्रसाधन और बिजली के इन्सुलेटर। झारखंड, अपनी भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संसाधनों के कारण, लाह उत्पादन के लिए एक आदर्श स्थान है। कृषि मंत्री के अनुसार, सरकार लाह की खेती के लिए आवश्यक सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगी। इसमें उन्नत बीज, कीटनाशक और तकनीक शामिल हैं।
इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य लाह की खेती को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाना है। किसानों को बेहतर बाज़ार और उचित मूल्य दिलाने की भी योजना है, ताकि वे इस पारंपरिक व्यवसाय को नए उत्साह के साथ अपना सकें। उम्मीद है कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी और झारखंड को लाह उत्पादन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।




