रांची के सरला बिरला पब्लिक स्कूल (एसबीयू) में ‘झारखण्ड मॉडल यूनाइटेड नेशंस 2025’ का शानदार आगाज़ हुआ, जिसमें राज्य भर के 55 प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। यह दो दिवसीय महत्वपूर्ण आयोजन कूटनीति, नेतृत्व क्षमता और वैश्विक मुद्दों पर छात्र-छात्राओं की समझ को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसने समारोह की गरिमा को बढ़ाया।
आयोजन के प्रारंभिक चरण में, प्रतिभागियों को संसदीय प्रक्रियाओं, विभिन्न समितियों की संरचना और वाद-विवाद के नियमों से अवगत कराया गया। ओरिएंटेशन सत्र के बाद, आइस-ब्रेकिंग सत्र, समूह चर्चाओं और कार्यशालाओं के माध्यम से प्रतिभागियों के बीच सहयोग और आत्मविश्वास को बढ़ाने पर जोर दिया गया। इसके पश्चात्, छात्रों ने विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए वैश्विक और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर जीवंत बहसों, कॉकस और प्रस्तावों के मसौदा तैयार करने में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
विभिन्न अनुकरणात्मक समितियों ने समकालीन विश्व और राष्ट्र की ज्वलंत समस्याओं पर गहन विचार-विमर्श किया। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यू.टी.ओ.) ने वैश्विक शुल्क युद्धों के बढ़ते प्रभुत्व और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर इसके गंभीर प्रभावों का विश्लेषण किया। यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यू.एन.एस.सी.) ने मानवीय सहायता के बहाने किए जाने वाले एकतरफा सैन्य हस्तक्षेपों की वैधता पर महत्वपूर्ण चर्चा की। वहीं, लोकसभा ने आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट, 1958 (ए.एफ.एस.पी.ए.) के नागरिक स्वतंत्रता, कानून के शासन और जम्मू-कश्मीर एवं पूर्वोत्तर राज्यों की क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का गहन अध्ययन किया।
झारखण्ड विधानसभा समिति ने अवैध खनन को नियंत्रित करने के विषय पर चर्चा की, जिसमें खनिज एवं खनन विकास विनियमन अधिनियम, 1957 (एम.एम.डी.आर. अधिनियम) और संबंधित राज्यीय नियमों का संदर्भ लिया गया। यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली (यू.एन.जी.ए.) ने फिलिस्तीन, सूडान और अमेरिका जैसे जटिल परिदृश्यों के बीच अंतरराष्ट्रीय न्याय को मजबूत करने तथा अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आई.सी.सी.) और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आई.सी.जे.) के प्रवर्तन तंत्रों को बेहतर बनाने पर विचार-विमर्श किया। इसके अतिरिक्त, ऑल इंडिया प्रेस एंड पब्लिकेशन मीडिया (ए.आई.पी.पी.एम.) समिति ने प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक 2023 और आधुनिक भारतीय मीडिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर इसके प्रभावों पर चर्चा की। इंटरनेशनल प्रेस कॉर्प्स (आई.पी.सी.) ने फोटोग्राफी, पत्रकारिता और कैरिकेचरिस्ट से जुड़े नियमों पर मंथन किया। इंडियन प्रीमियर लीग (आई.पी.एल) समिति ने आई.पी.सी. मेगा ऑक्शंस 26 पर बहस की।
सरला बिरला पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने राज्य भर से आए अपने साथियों के साथ संवाद स्थापित कर नेतृत्व, टीमवर्क और आलोचनात्मक चिंतन जैसी क्षमताओं का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने वास्तविक विश्व की चुनौतियों के लिए नवीन समाधान प्रस्तुत किए, जिससे विद्यालय परिसर बौद्धिक ऊर्जा से जीवंत हो उठा। इस आयोजन ने विद्यार्थियों को गंभीरता से सोचने, जिम्मेदारी से कार्य करने और वैश्विक नागरिक के रूप में विकसित होने के लिए प्रेरित किया।
विद्यालय की प्राचार्या, मनीषा शर्मा, ने छात्र आयोजकों, प्रतिनिधियों और मार्गदर्शकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मॉडल यूनाइटेड नेशंस जैसे कार्यक्रम विद्यार्थियों में कूटनीति, संवाद कौशल और वैश्विक दृष्टिकोण विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों और शिक्षकों का हार्दिक स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को सक्रिय भागीदारी, सार्थक संवाद और वैश्विक समस्याओं के समाधान हेतु अभिनव व व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उनका मानना है कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को भविष्य के परिवर्तनकारी नेता बनने के लिए आवश्यक गुण प्रदान करते हैं।