झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भाग न लेने का फैसला किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सुदिव्य ने इस निर्णय की घोषणा करते हुए इसके लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। सुदिव्य के अनुसार, इन दोनों पार्टियों ने अपने गठबंधन धर्म का पालन ठीक से नहीं किया, जिसके कारण झामुमो को यह कड़ा कदम उठाना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार किया गया था, लेकिन आपसी मतभेदों और सीट बंटवारे को लेकर असहमति के चलते यह संभव नहीं हो पाया। झामुमो का मानना है कि इन पार्टियों के रवैये ने गठबंधन की एकता को कमजोर किया है। पार्टी अब बिहार में अकेले या अन्य संभावित सहयोगियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर विचार कर सकती है, हालांकि प्राथमिक निर्णय चुनाव से दूर रहने का है। यह फैसला झामुमो के भविष्य की राजनीतिक रणनीति पर भी सवाल खड़े करता है।
सुदिव्य ने आगे कहा कि हम बिहार की जनता को निराश नहीं करना चाहते, लेकिन मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में हमारी भागीदारी सकारात्मक परिणाम नहीं दे सकती थी। इसलिए, हमने यह कठिन लेकिन आवश्यक निर्णय लिया है। झामुमो अब अपने संगठन को मजबूत करने और झारखंड के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका को पुनः परिभाषित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।