रांची: आजसू पार्टी ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा है कि यह सरकार जनता से किए गए किसी भी वादे को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है। आजसू के महासचिव सह प्रवक्ता संजय मेहता ने स्पष्ट रूप से कहा कि जनता ने जिस विश्वास के साथ इस सरकार को चुना था, उसे झामुमो ने तोड़ा है। मेहता के अनुसार, सरकार अपनी नाकामियों के चलते अब वोट मांगने का नैतिक अधिकार भी खो चुकी है।
**हेमंत सरकार सभी मोर्चों पर विफल**
संजय मेहता ने हेमंत सरकार की विफलता गिनाते हुए कहा कि नौकरी, नियोजन, विस्थापन, पुनर्वास, शिक्षा, कानून व्यवस्था और सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पूरी तरह से उपेक्षित रहे हैं। उन्होंने कहा, “जनता को उम्मीद थी कि यह सरकार उनके हितों की रक्षा करेगी, लेकिन सरकार ने हर कदम पर निराशा ही दी है।”
**खोखले वादे, अधूरी योजनाएं**
मेहता ने सरकार के उन प्रमुख वादों को भी उजागर किया जिन्हें पूरा करने में वह नाकाम रही। इनमें नौकरी सृजन, स्थानीय नीति, और निजी क्षेत्र में आरक्षण जैसे वादे शामिल हैं। शिक्षक नियुक्ति, पलायन रोकना, पेपर लीक पर अंकुश और संविदा कर्मियों का नियमितीकरण जैसे मुद्दे भी जस के तस बने हुए हैं। पेसा कानून, सरना कोड को मान्यता और ओबीसी आरक्षण जैसे आदिवासी व पिछड़े समुदायों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की चुप्पी चिंताजनक है।
**घाटशिला में वोट मांगने का आधार नहीं**
विशेष रूप से घाटशिला का उल्लेख करते हुए, संजय मेहता ने कहा कि वहां के लोगों के सामने सरकार के पास गिनाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा, “घाटशिला की जनता ने भरोसा जताया, पर उन्हें सिर्फ वादों का जाल मिला। बेरोजगारी, शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया।” ऐसे में, उप-चुनाव में वोट मांगना झामुमो और महागठबंधन के लिए अनैतिक है।
**प्रमुख मुद्दों पर सरकार की नाकामी**
नौकरी के वादे के बावजूद बेरोजगारी भत्ता का वादा भी अधूरा है। युवाओं को रोजगार नहीं मिला। बैकलॉग नियुक्तियों में देरी और परीक्षा-परिणामों का अनिश्चितता बनी हुई है। शिक्षा क्षेत्र में पेपर लीक और छात्रवृत्ति योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में कमी है। औद्योगिक विकास के नाम पर विस्थापन की समस्या बढ़ी है, लेकिन पुनर्वास नीति स्पष्ट नहीं है। राज्य में कानून व्यवस्था चिंताजनक है और हत्याएं आम हो गई हैं। पेसा कानून और सरना कोड के वादे अब तक पूरे नहीं हुए। निजी क्षेत्र और आउटसोर्सिंग में आरक्षण का वादा भी अधूरा है। भ्रष्टाचार चरम पर है और संविदा कर्मियों के नियमितीकरण व समान काम-समान वेतन का वादा भी टाला गया है। स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण पर भी कोई प्रगति नहीं हुई है।
**जनता से की अपील**
मेहता ने जनता से सवाल किया कि किस उपलब्धि के आधार पर सरकार वोट मांगेगी। उन्होंने जनता से आगामी चुनावों में इस सरकार की विफलताओं का हिसाब मांगने की अपील की। आजसू पार्टी झारखंड के विकास, युवाओं के रोजगार, आदिवासी हितों और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है।
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