झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कोल्हान क्षेत्र उस समय चर्चा में आया जब चंपाई सोरेन ने पार्टी छोड़ी और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में, हेमंत सोरेन सरकार ने रामदास सोरेन को मंत्री बनाया।
2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन ने घाटशिला से जीत हासिल की और मंत्री बने। कोल्हान क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा का दबदबा रहा है, लेकिन 2025 का अगस्त महीना पार्टी के लिए दुखद रहा।
पार्टी के संस्थापक शिबू सोरेन के निधन के बाद, 15 अगस्त को शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का भी निधन हो गया।
इन दो बड़े नेताओं के निधन से पार्टी को झटका लगा है। अब सवाल है कि कोल्हान में सियासत की कमान कौन संभालेगा। पार्टी में कई दिग्गज नेता मौजूद हैं, लेकिन नेतृत्व का सवाल अब भी बना हुआ है।
इससे पहले, 2023 में ‘टाइगर’ के नाम से जाने जाने वाले जगन्नाथ महतो का भी निधन हो गया था। उनकी जगह उनकी पत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाया गया था, लेकिन 2024 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
रामदास सोरेन के निधन के बाद, उनकी राजनीतिक विरासत और कोल्हान की सियासत पर पड़ने वाले असर पर चर्चा हो रही है।