झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लिए पिछले दो साल मुश्किल भरे रहे हैं, जिसमें पार्टी ने तीन प्रमुख नेताओं को खो दिया है। हाल ही में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन हो गया, जिससे कोल्हान क्षेत्र में राजनीतिक नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
28 अगस्त 2024 को पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन द्वारा पार्टी छोड़ने और कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद, हेमंत सोरेन सरकार ने रामदास सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया था। सोरेन ने 2024 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।
कोल्हान क्षेत्र में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और खरसावां शामिल हैं, जहां JMM का दबदबा रहा है। अगस्त 2025 में, पार्टी ने दो बड़े नेताओं को खो दिया। 4 अगस्त को शिबू सोरेन के निधन के बाद, 15 अगस्त को रामदास सोरेन का भी निधन हो गया।
इन दो कद्दावर नेताओं के निधन से पार्टी को गहरा झटका लगा है। अब सवाल है कि कोल्हान की सियासत कौन संभालेगा? JMM के कई दिग्गज नेता क्षेत्र में मौजूद हैं, जिनमें जोबा मांझी, दीपक बिरुवा, समीर मोहंती, मंगल कालिंदी, निरल पूर्ति और सोनाराम सिंकू शामिल हैं।
इससे पहले, 6 अप्रैल 2023 को ‘टाइगर’ के नाम से मशहूर जगन्नाथ महतो का भी निधन हो गया था। उनके निधन के बाद, उनकी पत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाया गया था। लेकिन 2024 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब रामदास सोरेन के निधन के बाद, उनकी राजनीतिक विरासत और कोल्हान की सियासत पर पड़ने वाले असर पर चर्चा हो रही है।