खूंटी: झारखंड के खूंटी जिले में बंग समुदाय के लोगों ने गुरुवार को भाई दूज का त्योहार अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर सैकत कुमार दास ने बताया कि भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। यह पवित्र पर्व दीपावली के उत्सव के पांचवें और अंतिम दिन मनाया जाता है, जो भाई-बहन के अनमोल रिश्ते, उनके प्रेम, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और खुशहाली की कामना करती हैं, वहीं भाई अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं। ऋग्वेद और प्राचीन पुराणों में भी इस पर्व का विस्तृत उल्लेख मिलता है, जो इसे दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले सबसे प्राचीन और प्रामाणिक त्योहारों में से एक बनाता है।
यह त्योहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, जो विशेष रूप से मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित है। पांच प्रमुख पर्वों की श्रृंखला में भाई दूज एकमात्र ऐसा त्योहार है जिसका स्पष्ट उल्लेख वेदों में मिलता है। इसका मूल स्वरूप और उद्देश्य सदियों से अपरिवर्तित रहा है, जो समय के साथ इसके महत्व को और भी बढ़ाता है।