रांची: कांग्रेस भवन, रांची में कांग्रेस कमिटी की ओर से पूर्व सांसद स्व. ज्ञानरंजन की 81वीं जयंती का भव्य आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर, पूर्व मंत्री व विधायक डॉ. रामेश्वर उरांव, विधायक सुरेश बैठक, और डॉ. मीनू रंजन ने स्व. ज्ञानरंजन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
डॉ. रामेश्वर उरांव ने स्व. ज्ञानरंजन के जीवंत व्यक्तित्व और उनके संघर्षशील जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन को एक महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुँचाया। उनका संपूर्ण राजनीतिक जीवन झारखंड की अलग पहचान और उसके विकास के लिए समर्पित रहा। उन्होंने अपने जीवनकाल में कांग्रेस को सशक्त बनाने और झारखंडवासियों की समृद्धि के लिए अथक प्रयास किए।
विधायक सुरेश बैठा ने अपने संबोधन में कहा कि स्व. ज्ञानरंजन स्वयं एक आंदोलन का प्रतीक थे। उन्होंने झारखंड को अलग राज्य के रूप में स्थापित करने के आंदोलन में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई, और उनके इस योगदान को हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में याद रखा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि ज्ञानरंजन जी हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक और अभिभावक के समान थे, जिन्होंने संगठन को एकजुट रखा और उसे मजबूती प्रदान की।
जयंती समारोह की अध्यक्षता जिला इंटक संयोजक संजीव सिन्हा ‘बब्लू’ ने की, जबकि संचालन यूनुस अहमद अंसारी ने किया और बुद्धिसागर तिर्की ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस श्रद्धांजलि सभा में राकेश सिन्हा, आभा सिन्हा, विनय सिन्हा दीपू, सोनाल शांति, राजन वर्मा, मुंजी सिंह, अमरेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह, बीएस मल्लिक, सुरेन राम, खुर्शीद हसन रूमी, फिरोज रिज्वी मुन्ना, मनोज सिंह कांग्रेसी, सोमनाथ मुंडा, संजय कुमार, समीम खान, जगदीश साहु, सतेन्द्र चौहान, प्रभात कुमार, रीता चौधरी, उमेश प्रसाद, राजू राम, विजय कुमार सिंह, महबूब आलम, मेरी तिर्की, सरिता देवी, बलराम साहु सहित सैकड़ों कांग्रेसजन मौजूद रहे और उन्होंने स्व. ज्ञानरंजन को अपनी श्रद्धां\n
jali अर्पित की।