
रांची के लातरातू डैम में मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई है। यहां केज कल्चर (पिंजरा पालन) तकनीक से मछली उत्पादन की परियोजना शुरू की गई है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्थानीय ग्रामीणों और मछुआरों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। लातरातू डैम के विशाल जलक्षेत्र का उपयोग करके, इस परियोजना से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
केज कल्चर एक आधुनिक और कुशल तरीका है जिससे मछलियों को नियंत्रित वातावरण में पाला जाता है। यह पारंपरिक मछली पालन की तुलना में अधिक उपज देता है और पानी की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। इस परियोजना के तहत, मछुआरों को आवश्यक प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे इस नई तकनीक को सफलतापूर्वक अपना सकें।
इस परियोजना से न केवल स्थानीय लोगों को आय का एक स्थिर स्रोत मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र में ताज़ी और उच्च गुणवत्ता वाली मछलियों की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा। सरकारी सहायता और स्थानीय सहयोग से, लातरातू डैम केज कल्चर परियोजना सफल होने की ओर अग्रसर है, जो ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।






