धनबाद में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ‘ऑपरेशन WILEP’ के तहत एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। शुक्रवार की सुबह योग नगरी ऋषिकेश-हावड़ा दून एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 13010) के एक महिला कोच से 78 जीवित कछुओं को जब्त किया गया। इन कछुओं की अनुमानित बाजार कीमत लगभग 7.8 लाख रुपये बताई जा रही है, जिससे वन्यजीवों की एक बड़ी तस्करी की कोशिश को नाकाम किया गया है।
वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त, धनबाद के निर्देशों पर आरपीएफ की एक विशेष टास्क टीम को गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के अनुसार, दून एक्सप्रेस के महिला कोच का उपयोग वन्यजीवों की तस्करी के लिए किया जा रहा था। इस महत्वपूर्ण जानकारी पर तत्काल कार्रवाई करते हुए, टीम ने प्लेटफॉर्म संख्या 02 पर ट्रेन के आते ही महिला कोच की तलाशी ली।
तलाशी के दौरान, टीम को सीटों के नीचे से कपड़े के छह लावारिस थैले मिले। जब आरपीएफ अधिकारियों ने आसपास मौजूद महिला यात्रियों से इन थैलों के बारे में पूछताछ की, तो किसी ने भी उन पर अपना दावा नहीं किया। संदिग्ध परिस्थितियों में, थैलों को खोला गया। इन थैलों के अंदर जूट के बोरों में बंद 78 जीवित इंडियन फ्लैपशेल प्रजाति के कछुए मिले।
आरपीएफ ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत सभी कछुओं को जब्त कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और बरामद किए गए सभी कछुओं को वन क्षेत्र पदाधिकारी, धनबाद को सौंप दिया गया। आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के संबंध में अज्ञात तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह सफल अभियान वन्यजीव तस्करी को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ऐसे अवैध कृत्यों के खिलाफ आरपीएफ की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।






