प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के सुप्रीमो दिनेश गोप को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। दिनेश की गिरफ्तारी पलामू सेंट्रल जेल से की गई थी, जिसके बाद उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रांची की विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
ED की जांच झारखंड पुलिस और एनआईए द्वारा दर्ज एफआईआर और चार्जशीट पर आधारित थी, जिसमें दिनेश गोप और PLFI पर हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी और गैरकानूनी गतिविधियों के गंभीर आरोप थे। जांच में पता चला कि दिनेश गोप झारखंड और आसपास के राज्यों में ठेकेदारों, कारोबारियों, कोयला व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से जबरन वसूली करता था, जिससे उसने करीब 20 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की।
यह पैसा शेल कंपनियों और फर्मों के जरिए छिपाने की कोशिश की गई थी, जो उसकी पत्नियों और करीबी लोगों के नाम पर बनाई गई थीं। इस काले धन का इस्तेमाल संगठन की गतिविधियों, हथियार खरीदने और जमीन-जायदाद में निवेश के लिए किया गया। ED अब इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और अन्य शामिल लोगों और अवैध संपत्ति का पता लगाने की कोशिश कर रही है। एजेंसी लेवी-रंगदारी नेटवर्क, फंडिंग और निवेश की जानकारी भी जुटा रही है। दिनेश गोप झारखंड के कुख्यात उग्रवादी संगठन PLFI का सरगना है। मई 2023 में नेपाल से गिरफ्तार होने के बाद से वह जेल में था।