झारखंड की राजधानी रांची में आदिवासी हुंकार रैली का आयोजन होने जा रहा है, जिसके लिए विभिन्न आदिवासी समुदायों के लोग बड़ी संख्या में जुटने लगे हैं। यह रैली आदिवासियों के अधिकारों, संस्कृति और पहचान के संरक्षण के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। इस ऐतिहासिक आयोजन में दूर-दराज के इलाकों से भी हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
रैली का मुख्य एजेंडा आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन जैसे मौलिक अधिकारों की रक्षा करना है। इसके अलावा, सरना धर्म कोड को मान्यता दिलाने और स्थानीय आदिवासियों को नियोजन में प्राथमिकता जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। आयोजकों का कहना है कि यह रैली सरकार पर आदिवासियों के हकों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का दबाव बनाने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
रांची के मोरहाबादी मैदान में इस रैली के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। विभिन्न राज्यों से आदिवासी नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और समुदाय के सदस्य इस रैली में भाग लेंगे। उम्मीद है कि यह हुंकार रैली आदिवासियों की आवाज को बुलंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और सरकार को उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित करेगी। लोगों में इस रैली को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है।