रांची शहर के तीनों प्रमुख बस टर्मिनलों – आइटीआई बस स्टैंड, सरकारी बस डिपो और बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा – का आधुनिकीकरण राष्ट्रीय मानकों के अनुसार किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देशानुसार, शहरीकरण कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से इन बस अड्डों का नवीनीकरण और जीर्णोद्धार किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए कुल 48.72 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
आइटीआई बस स्टैंड को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा, जिसके लिए 24.77 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह तीन एकड़ में फैलेगा और इसमें 2330 वर्गमीटर ग्राउंड फ्लोर तथा 880 वर्गमीटर प्रथम तल पर टर्मिनल भवन होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए यहां ड्राइवर कैंटीन, मेंटेनेंस शेड, प्रतीक्षालय, और पर्याप्त पार्किंग (कार, ऑटो, ई-रिक्शा) जैसी सुविधाएं होंगी। प्रथम तल पर एक रेस्टोरेंट, प्रशासनिक भवन, टिकट काउंटर, डॉरमेट्री, लॉकर युक्त गेस्ट रूम और लैंडस्केपिंग की व्यवस्था की जाएगी। इस टर्मिनल से प्रतिदिन 416 बसों का संचालन संभव होगा।
सरकारी बस डिपो, जो 1962-1970 के बीच बना था और अब जर्जर हो चुका है, का पुनर्निर्माण 20.19 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इंडियन रोड कांग्रेस मानकों के अनुसार, नए भवन में 1771 वर्गमीटर ग्राउंड फ्लोर और 845 वर्गमीटर प्रथम तल पर विभिन्न सुविधाएं शामिल होंगी, जैसे कि गार्ड रूम, मेंटेनेंस क्षेत्र, डॉरमेट्री, प्रतीक्षालय, फूड कियोस्क, और शेडयुक्त बस वे। यहां आठ बस वे के माध्यम से रोजाना लगभग 512 बसों का परिचालन हो सकेगा।
बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिसके लिए 3.76 करोड़ रुपये का प्रावधान है। 11.6 एकड़ के इस परिसर में 31 बस वे, 89 बसों और 70 कारों के लिए पार्किंग, स्मार्ट शेड, 50 बेड की डॉरमेट्री, रेस्टरूम, स्नानागार, गेस्टहाउस, हाइमास्ट लाइट, बाउंड्री वाल और महिला सुरक्षा की विशेष व्यवस्था होगी। साथ ही, परिसर का सौंदर्यीकरण और लैंडस्केपिंग भी किया जाएगा।
विभागीय प्रधान सचिव सुनील कुमार ने जुडको को निर्देश दिया है कि तीनों बस टर्मिनलों के लिए टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर निर्माण कार्य आरंभ किया जाए। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर रांची के बस टर्मिनल राष्ट्रीय स्तर के मॉडल के रूप में स्थापित होंगे, जहां यात्रियों को सुरक्षा, स्वच्छता और आधुनिक सुविधाओं का बेहतरीन अनुभव मिलेगा।