
रांची में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच के टिकटों की कालाबाजारी का मामला गरमाता जा रहा है। मैच से ठीक एक दिन पहले, रांची पुलिस ने टिकटों की अवैध बिक्री के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह खुलासा हुआ है कि इस धंधे के तार जेएससीए (झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) के अंदर तक जुड़े हैं, जहाँ से टिकटों की आपूर्ति हो रही है। पुलिस की इस कार्रवाई ने क्रिकेट प्रेमियों के बीच हड़कंप मचा दिया है, जो ऊंचे दामों पर टिकट खरीदने को मजबूर हो रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी सोशल मीडिया पर टिकटों के वितरण पर सवाल उठाए थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मीडिया के लिए जारी किए गए पास भी असली पत्रकारों तक नहीं पहुंचे। इन पासों के आवंटन की जिम्मेदारी दो खास पदाधिकारियों पर थी, जिनमें एक पूर्व क्रिकेट कोच जयकुमार सिन्हा और दूसरे संजय पांडेय बताए जा रहे हैं। जयकुमार सिन्हा की भूमिका पास आवंटन की अंतिम जिम्मेदारी के रूप में सामने आई है, जबकि संजय पांडेय मीडिया पास के वितरण की संख्या और स्थान तय करते थे।
धुर्वा पुलिस स्टेशन की एक विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारकर 13 टिकटों के साथ तीन आरोपियों को रंगेहाथों पकड़ा। जब्त किए गए टिकटों में 1200, 1600 और 1700 रुपये की कीमत वाले शामिल थे। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे एक गिरोह के रूप में काम कर रहे थे। उन्होंने टिकट काउंटरों पर मजदूरों को रिश्वत देकर अतिरिक्त टिकट हासिल किए और उन्हें दोगुने-तिगुने दाम पर बेचते थे। हालांकि, यह टिकट उन्हें किस स्रोत से मिले, इस सवाल की जांच को फिलहाल टाल दिया गया है।
पुलिस ने आरोपियों के बयानों के आधार पर 10 अन्य लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की है, जिनमें विशाल चिक्की, जितेंद्र जायसवाल, अमित टोबो, संतोष कुमार, ऋतिक सिंह, मनीष कुमार और सुमित के नाम शामिल हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। जेएससीए स्टेडियम के आसपास कालाबाजारी की शिकायतें लगातार मिल रही थीं, और प्रशासन की चेतावनियों के बावजूद कई प्रशंसकों को ऊंचे दामों पर टिकट खरीदने पड़े।





