पूरे देश में जायसवाल समाज ने बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती मनाई। इस पावन अवसर पर विभिन्न सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के गणमान्य व्यक्तियों और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन को क्षत्रिय कुल के रक्षक और महान योद्धा के रूप में पूजा जाता है। उनकी जयंती को समाज के लोग अपनी संस्कृति और गौरव का प्रतीक मानते हुए बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं।
कार्यक्रमों की शुरुआत प्रभात फेरी और हवन-पूजन से हुई, जिसके उपरांत भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की झांकियां, बैंड-बाजे और पारंपरिक वेशभूषा में समाज के युवा-युवतियां आकर्षण का केंद्र रहे। शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई यह शोभायात्रा लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी रही। समाज के बुजुर्गों ने नई पीढ़ी को भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के इतिहास, उनके पराक्रम और समाज के प्रति उनके योगदान से अवगत कराया।
कई स्थानों पर रक्तदान शिविरों और निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविरों का भी आयोजन किया गया, जो समाज सेवा की भावना को दर्शाता है। जयंती समारोह के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर समाज के नेताओं ने एकता, शिक्षा और सामाजिक समरसता पर जोर दिया, ताकि समाज निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर हो सके। भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती मनाने का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करना है, बल्कि समाज को संगठित और सशक्त बनाना भी है।


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