पश्चिमी सिंहभूम में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। झारखंड की प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा ने चाईबासा पहुंचकर नक्सल उन्मूलन अभियान की कमान संभाली। टाटा कॉलेज मैदान स्थित हेलीपैड पर डीजीपी का भव्य स्वागत हुआ, जिसमें कोल्हान रेंज के डीआईजी अनुरंजन किस्पोट्टा, उपायुक्त चंदन कुमार, एसपी अमित रेणु, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के कमांडेंट शामिल थे।

पुलिस कार्यालय के सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जहां डीजीपी ने सारंडा जंगल क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों और सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की गहन समीक्षा की। उन्होंने सर्च ऑपरेशन में आने वाली चुनौतियों, जवानों की तैनाती, संसाधनों की उपलब्धता और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की।
डीजीपी तदाशा मिश्रा ने जोर देकर कहा कि नक्सल-विरोधी अभियान चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद, पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा और जगुआर के संयुक्त प्रयासों से लगातार सफलता मिल रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि सारंडा में सक्रिय नक्सलियों का जल्द ही सफाया कर दिया जाएगा और इस दिशा में सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
उन्होंने बताया कि अभियानों के दौरान आने वाली समस्याओं का विश्लेषण कर उन्हें दूर करने की प्रक्रिया जारी है, ताकि भविष्य के ऑपरेशन अधिक प्रभावी और सटीक हों। डीजीपी ने टीम वर्क को अभियान की सबसे बड़ी ताकत बताया और सुरक्षित, सुनियोजित तरीके से अभियानों को संचालित करने पर जोर दिया। इस बैठक में आईजी माइकल राज, डीजे साकेत कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।




