झारखंड की प्रभारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) तदाशा मिश्रा ने पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में नक्सलियों के सफाए का भरोसा दिलाया है। बुधवार को चाईबासा पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। कोल्हान रेंज के डीआईजी अनुरंजन किस्पोट्टा, उपायुक्त चंदन कुमार, एसपी अमित रेणु और सीआरपीएफ व कोबरा बटालियन के कमांडेंट्स ने हेलीपैड पर गुलदस्ता भेंट कर उनका अभिनंदन किया।

डीजीपी मिश्रा को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इसके उपरांत, उन्होंने पुलिस कार्यालय के सभागार में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियानों की गहन समीक्षा की। सारंडा के घने जंगलों में छिपे नक्सलियों की गतिविधियों, तलाशी अभियानों की चुनौतियों, सुरक्षाबलों की तैनाती, आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता और विभिन्न इकाइयों के बीच बेहतर तालमेल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में डीजीपी ने स्वीकार किया कि नक्सल विरोधी अभियान क्षेत्र में अत्यंत कठिन होते हैं। हालांकि, उन्होंने पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा और जगुआर बटालियन के संयुक्त तथा समन्वित प्रयासों से अभियानों में लगातार मिल रही सफलताओं पर संतोष व्यक्त किया।
डीजीपी मिश्रा ने स्पष्ट रूप से कहा कि सारंडा क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों का जल्द ही अंत कर दिया जाएगा। इस दिशा में सभी आवश्यक रणनीतिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अभियानों के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं का गहन विश्लेषण कर उनके निवारण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, ताकि भविष्य में चलाए जाने वाले ऑपरेशन और भी अधिक प्रभावी और लक्षित हो सकें। डीजीपी ने टीम वर्क को अभियानों की सबसे बड़ी शक्ति बताया और सुरक्षित, सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित तरीके से अभियानों को अंजाम देने के अपने लक्ष्य को दोहराया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में आईजी माइकल राज, डीजे साकेत कुमार, कोल्हान डीआईजी अनुरंजन किस्पोट्टा, एसपी अमित रेणु, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, झारखंड जगुआर के वरिष्ठ अधिकारी और सभी एसडीपीओ भी मौजूद रहे।






