रांची। विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन, शुक्रवार को दिशोम गुरु शिबू सोरेन, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन और अन्य दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर, विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि इस सत्र के दौरान हमने दिशोम गुरु शिबू सोरेन, स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन और पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक सहित कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों को खो दिया है। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु का जाना एक युग का अंत है, लेकिन उन्होंने जो राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना झारखंड को दी, वह झारखंड के समतामूलक नवनिर्माण को हमेशा दिशा देती रहेगी।
उन्होंने आगे कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन का निधन एक युग का अंत है, लेकिन उनके विचारों से प्रेरणा मिलती रहेगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन झारखंड और देश के एक बड़े राजनेता ही नहीं, बल्कि झारखंडी अस्मिता और संस्कृति के सबसे प्रमुख ध्वजवाहक थे। उन्होंने 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की, जिसने बाद में झारखंड के निर्माण और विकास का बीड़ा उठाया।
अध्यक्ष ने कहा कि रामदास सोरेन, जो कोल्हान क्षेत्र की राजनीति में विशिष्ट पहचान रखते थे, एक सरल और सामाजिक व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने झारखंड आंदोलन में एक सच्चे योद्धा के रूप में काम किया और मजदूरों और विस्थापितों की आवाज बने रहे। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में एक बड़ी कमी आई है।
सदन में, 1971 के भारत-पाक युद्ध के नायक ग्रुप कैप्टन डीके पारूलकर, पद्मश्री विनोद कुमार पसायत, गोवा, बिहार, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक और वरिष्ठ पत्रकार हरिनारायण सिंह को भी श्रद्धांजलि दी गई। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने से जान गंवाने वालों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
शोक व्यक्त करने के बाद, विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।