झारखंड की 25वीं वर्षगांठ और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर, खूंटी स्थित उलिहातु, धरती आबा की जन्मस्थली, उत्सव की जीवंतता से सराबोर हो गया। इस पावन अवसर पर ‘धरती आबा’ के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं, ग्रामीणों, जन प्रतिनिधियों और विभिन्न राज्यों से आए आगंतुकों ने भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन भेंट किए।

इस महत्वपूर्ण राजकीय समारोह में झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम, सांसद कालीचरण मुंडा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, खूंटी विधायक राम सूर्या मुंडा, तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया, विधायक विकास सिंह मुंडा और राज्य के मुख्य सचिव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
राज्यपाल संतोष गंगवार ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी और जनजातीय समुदायों का इतिहास अत्यंत गौरवपूर्ण रहा है, और उन्होंने देश की आजादी में महत्वपूर्ण बलिदान दिए हैं। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि उलिहातु में ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ की तर्ज पर भगवान बिरसा मुंडा की एक विशाल प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए। उन्होंने उलिहातु को एक आदर्श ग्राम बनाने और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही, जिससे अधिक सैलानी आकर्षित होंगे। उन्होंने मातृभूमि, मातृभाषा और संस्कृति के प्रति प्रेम पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड को वीरों की भूमि बताते हुए कहा कि राज्य का निर्माण अनेक वीरों के संघर्षों और बलिदानों से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि उन शहीदों के सपनों का झारखंड बनाना हम सभी का कर्तव्य है। वर्तमान में, राज्य को संवारने की एक बड़ी जिम्मेदारी हम सबके कंधों पर है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार गांव-गांव जाकर सभी वर्गों के लोगों की समस्याओं को समझ रही है। आदिवासी और जनजातीय समुदायों के सर्वांगीण विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें इन समुदायों को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार अपने 50% खर्चों को माताओं, बहनों, बेटियों, गांव, गरीब और किसानों के कल्याण पर केंद्रित कर रही है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार रांची से नहीं, बल्कि गांवों से चलती है और विकास योजनाओं को प्रत्येक घर तक पहुंचा रही है।
उन्होंने राज्य के युवा वर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि 25 वर्षीय झारखंड को युवा शक्ति के साथ मिलकर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पहले इलाज और शिक्षा के लिए लोगों को उधार लेना पड़ता था, लेकिन अब सरकार इस स्थिति को बदलने के लिए काम कर रही है। महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, पर्यटन, रोजगार और आधारभूत संरचनाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने झारखंड वासियों के जीवन में खुशहाली लाने और उन्हें विकास का सहभागी बनाने की सरकार की सोच व्यक्त की। उन्होंने सभी को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं और धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को नमन किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, धरती आबा के वंशज सुखराम मुंडा और जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।




