जमशेदपुर में डीसी लाउंज के बिष्टुपुर और साकची स्थित प्रतिष्ठानों में हुई तोड़फोड़ की घटना ने तूल पकड़ लिया है। स्थानीय विधायक सरयू राय ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को लिखे एक पत्र में इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
विधायक सरयू राय ने अपने पत्र में जानना चाहा है कि आखिर क्यों बिष्टुपुर थाना प्रभारी रात 11:30 बजे साकची डीसी लाउंज के घटनास्थल पर पहुंचे, जबकि हमलावरों ने उसी दिन शाम 6:30 बजे बिष्टुपुर रामदास भट्टा से आकर वहां लोगों पर इंजेक्शन जैसी घातक वस्तुओं से हमला किया था। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या बिष्टुपुर थाना प्रभारी ने साकची थाना क्षेत्र में आधी रात को जाने से पहले वरीय पुलिस अधिकारियों से निर्देश लिया था?
पत्र में यह भी पूछा गया है कि बिष्टुपुर के पुलिस पदाधिकारी गोपाल पांडेय, बिष्टुपुर थाना प्रभारी से भी अधिक सक्रिय क्यों दिखाई दे रहे थे। विधायक के अनुसार, गोपाल पांडेय ने साकची डीसी लाउंज के सामने एक शिक्षिका के घर में छिपे एक युवक को बाहर निकाला और अपने साथ ले गए। इस संबंध में यह भी जानना चाहा गया है कि क्या बिष्टुपुर थाना प्रभारी ने उस युवक को निकालने से पहले साकची थाना प्रभारी से संपर्क किया था।
सरयू राय ने इस बात पर जोर दिया कि साकची डीसी लाउंज के सामने हुई हिंसा और बिष्टुपुर रामदास भट्टा स्थित डीसी लाउंज में तोड़फोड़, एक ही हमलावर समूह द्वारा की गई घटना का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिष्टुपुर थाना प्रभारी और गोपाल पांडेय साकची की घटना स्थल पर सबूत मिटाने के इरादे से गए थे। विधायक का मानना है कि अगर पुलिस का यही रवैया रहा तो बिष्टुपुर डीसी लाउंज में हुई तोड़फोड़ की निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
विधायक ने यह भी बताया कि जो मोटरसाइकिलें शाम 6:30 बजे हुई मारपीट में हमलावरों की वहां रह गई थीं, उन्हें छुड़ाने के लिए बिष्टुपुर थाना प्रभारी हमलावरों को अपने साथ ले गए थे। उन्होंने कहा कि एक थाना प्रभारी का कर्तव्य था कि वह उन मोटरसाइकिलों की सूची बनाए, उन्हें जब्त करे, पूछताछ करे और साकची थाना प्रभारी से संपर्क कर कार्रवाई के लिए मुकदमा दर्ज कराए। इसके बजाय, बिष्टुपुर थाना प्रभारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मोटरसाइकिलों को हमलावरों को सौंप दिया और एक छिपे हुए हमलावर को भी अपने साथ ले गए, जिसे विधायक ने एक आपराधिक कृत्य बताया है।
विधायक सरयू राय ने अखबारों की उन खबरों का भी जिक्र किया, जिनमें पुलिस अधीक्षक (नगर) ने एसआईटी बनाकर अभियुक्तों की गिरफ्तारी और हथौड़े की बरामदगी को उपलब्धि बताया है। हालांकि, विधायक के पास 13 अक्टूबर की शाम हुई सुनियोजित मारपीट की सीसीटीवी और वीडियो फुटेज हैं, जिनमें 30-40 युवकों का एक समूह, जिनमें से अधिकांश आरडी भट्टा लिखी स्पोर्ट्स जर्सी पहने थे, डीसी लाउंज के सामने मारपीट करते दिख रहे हैं।
पत्र के अनुसार, जब साकची के लोगों ने प्रतिकार किया तो हमलावर भाग गए और उनकी पांच मोटरसाइकिलें वहीं छूट गईं। वही समूह बाद में बिष्टुपुर डीसी लाउंज पहुंचा, जहां तीन लोग तोड़फोड़ करते देखे गए। विधायक ने इस बात पर चिंता जताई कि रात 11:30 बजे बिष्टुपुर थाना प्रभारी, गोपाल पांडेय और अन्य पुलिसकर्मी साकची डीसी लाउंज के पास पहुंचे, हमलावरों को उनकी छूटी हुई मोटरसाइकिलें वापस दीं और तब तक वहीं रुके रहे जब तक कि शिक्षिका के घर में छिपा युवक बाहर नहीं आ गया।
सरयू राय ने एसएसपी से मामले की गंभीरता से जांच करने, बिष्टुपुर थाना प्रभारी और गोपाल पांडेय से स्पष्टीकरण मांगने और उनके आचरण की जांच करने का आग्रह किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले को सुलझा हुआ मान लेने से शहर में, खासकर रामदास भट्टा इलाके में कानून व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है।