चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की पैतृक मैपिंग की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश जारी किए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के रवि कुमार ने अधिकारियों को इस कार्य को प्राथमिकता देने और समय-सीमा के भीतर पूरा करने के लिए कहा है। यह कदम मतदाता सूची को और अधिक सटीक और अद्यतन बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

पैतृक मैपिंग एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि मतदाता सूची में शामिल सभी व्यक्ति वास्तविक और योग्य हों। इसके माध्यम से डुप्लिकेट मतदाताओं की पहचान करने और मृत या स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं के नाम हटाने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया में तेजी आने से मतदाता सूची की गुणवत्ता में सुधार होगा और आगामी चुनावों के सुचारू संचालन में सहायता मिलेगी।
आयोग ने संबंधित विभागों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने और मैपिंग कार्य में किसी भी तरह की बाधा को दूर करने के भी निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पैतृक मैपिंग के दौरान सभी नियमों और दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष ढंग से संपन्न होगी।
के रवि कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि एक स्वच्छ और अद्यतन मतदाता सूची लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव होती है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है कि हर योग्य नागरिक को मतदान का अधिकार मिले और सूची में कोई भी गलत प्रविष्टि न हो। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।




