देश भर में सर्दी का प्रकोप तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। उत्तर भारत में तापमान कई डिग्री नीचे गिर गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई शहरों में सुबह के समय घना कोहरा छाया रहता है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित होता है।
सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है और दृश्यता (visibility) काफी कम हो गई है। रेलवे और हवाई यातायात पर भी कोहरे का असर देखा जा रहा है, जिससे कई ट्रेनें और उड़ानें देरी से चल रही हैं। यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
ठंड बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में सर्दी-जुकाम, बुखार और श्वसन संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी इज़ाफ़ा हुआ है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे गर्म कपड़े पहनें, खासकर सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
ग्रामीण इलाकों में ठंड का असर ज़्यादा देखा जा रहा है। लोग अलाव जलाकर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे हैं। बिजली गुल होने की समस्या से भी लोग परेशान हैं, जिससे ठंड का अहसास और बढ़ जाता है। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा ज़रूरतमंदों के लिए रैन-बसेरों की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन बढ़ती ठंड को देखते हुए और ज़्यादा इंतजामों की ज़रूरत महसूस की जा रही है। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है, जिससे सर्दी का यह दौर और लंबा खिंच सकता है।