कोडरमा के झूमरी तिलैया में आज सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा विश्व भक्तामर दिवस का भव्य आयोजन किया गया। भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण कल्याणक महोत्सव के उपलक्ष्य में, भारत सहित विश्व के अनेकों देशों में एक साथ भक्तामर स्तोत्र का पाठ हुआ। झूमरी तिलैया के दिगंबर जैन मंदिर में स्थानीय पंडित के नेतृत्व में समाज के सभी सदस्यों ने सुबह 9 बजकर 9 मिनट और 9 सेकंड पर इस पवित्र स्तोत्र का सामूहिक जाप किया।
इस शुभ अवसर पर, समाज के उप मंत्री जैन नरेंद्र झांझरी ने भक्तामर स्तोत्र के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भक्तामर के 48 श्लोकों का पाठ विश्व में शांति और अमन-चैन की स्थापना के लिए आवश्यक है। णमोकार और भक्तामर की छाया में ही देश, राष्ट्र और विश्व का पर्यावरण शुद्ध होगा। भक्तामर की वर्गणाएं ब्रह्मांड को पवित्र करती हैं और प्रत्येक प्राणी को इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। यह स्तोत्र सर्वोच्च महाशक्तियों से युक्त है, जिसका स्मरण पाप, ताप और संताप को दूर करता है, साथ ही भय और बीमारियों से मुक्ति दिलाता है। यह द्वादशांग का सार है और इसमें सम्पूर्ण ग्रंथ-निर्ग्रंथ समाए हैं।
जैन संत आचार्य 108 प्रणाम सागर जी महामुनिराज ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सभी को एक सूत्र में पिरोते हुए इस जाप का आह्वान किया, जिससे यह आयोजन विश्व स्तर पर सफल हुआ। इस ऐतिहासिक दिन को अब विश्व भक्तामर दिवस के रूप में जाना जाएगा और इस महास्तोत्र के सामूहिक पाठ को विश्व रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। इस आयोजन को सफल बनाने में कोषाध्यक्ष सुरेंद्र जैन काला, सुबोध-आशा जैन गंगवाल, ललित जैन सेठी, टुननू जैन छाबड़ा और मीडिया प्रभारी राजकुमार अजमेरा ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। संध्या में मंदिर परिसर में भव्य आरती और णमोकार चालीसा का पाठ भी संपन्न हुआ।