तेलंगाना में कालेश्वरम परियोजना एक बार फिर चर्चा में है, जहां रेवंत रेड्डी सरकार और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के बीच टकराव की स्थिति है। मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने परियोजना की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने की घोषणा की है। विधानसभा में न्यायिक आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद, रेड्डी ने कहा कि परियोजना में कई अंतर्राज्यीय मुद्दे और विभिन्न केंद्रीय विभाग शामिल हैं, जिसके कारण सीबीआई जांच आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (NDSA) और न्यायिक आयोग की रिपोर्टों में परियोजना से संबंधित कई मुद्दों की गहन जांच की आवश्यकता पर बल दिया गया है। न्यायिक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कई कमियां और अनियमितताओं का उल्लेख किया है, जिन पर आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है।
कालेश्वरम परियोजना, गोदावरी नदी पर स्थित एक बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना है। इसका निर्माण बीआरएस सरकार के कार्यकाल में हुआ था, जिसका उद्देश्य तेलंगाना में खेती, पेयजल और उद्योगों के लिए पानी उपलब्ध कराना था। पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इसे तेलंगाना की जीवन रेखा बताया था और यह दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट सिंचाई योजनाओं में से एक मानी जाती है।
यह परियोजना शुरू से ही विवादों में रही है, जिसमें स्थल चयन और निर्माण में अनियमितताओं के आरोप शामिल हैं। कांग्रेस ने चुनावी वादे में इसकी जांच की बात कही थी और अब सत्ता में आने के बाद सीबीआई जांच का आदेश दिया गया है।